Veer sipahi/वीर सिपाही
मुसीबत आ गई लेकिन,जो न सीखा है घबराना
घर से दूर हैं लेकिन,घर है उसका ये जमाना
जिन्हें परवाह है सबकी ,उन्हें परवाह है सबकी
देश मे मारने वाले को,सिपाही कहता है जमाना
दुश्मन सामने हो लेकिन, जो कदम पीछे रखते नही
चाहे ठंड गर्मी धूप हो लेकिन, जो कभी डरते नही
देश मे बलिदान होने को,जो ततपर रहते है
देश के लोग उन्हें ही वीर सिपाही कहते है
सीमा हो देश की या देश के अंदर हो
हवा में हो या,पानी का समंदर हो
सीमा की रक्षा में वो ततपर रहते है
देश के लोग उन्हें ही वीर सिपाही कहते है
एक टिप्पणी भेजें