जैसे जैसे तेरा अंग बढ़ने लगा
वैसे वैसे रंग तुझपे चढ़ने लगा
तू अब जवानी का एक फूल है
तेरा अंग अंग अब निखरने लगा ।।
तू चाहत मेरी खूबसूरत बनी
मेरी आँखों में तेरी मूरत बनी
मैने माना तुझे भगवान अपना
मेरा दिल तेरी पूजा करने लगा ।।
मेरा दिल तुझे क्यू पाना चाहता हैं
साँसों से साँसे मिलना चाहता हैं
तेरी गर्म साँसों में मैं डूब जाऊं
मुझे तुझसे मिलकर के ऐसे लगा ।।
तू एक हसीं ख़्वाब बन गयी
तू खिलता हुआ गुलाब बन गयी
तेरी मुस्कान पे मैं खुश हुआ
मेरी दिल कमल फिर खिलने लगा ।।
तू मिली थी मुझे जब पहली बार में
मै खड़ा था वही बीच बाजार में
तेरी जुल्फों ने तुझको जब उलझाया था
मैं तुझे देखकर मुस्कुराने लगा ।।
मेरा मन करें तुझसे बातें करू
मेरा दिल करें तेरे साथ रहूँ
जब तूने मुझसे बात किया
मेरा दिल फिर से अब लगने लगा ।।
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