हाय पिया मैं रुठ गयी
क़िस्मत मेरी टूट गयी
तेरा हाथ जब लगा बदन में
अंग अंग से टूट गयी ।।
मैं जब रूठी तू मना रहा
मेरे पास ही खड़ा रहा
मेरी बिनती से मैं खुश होकर
फिर से मैं तो टूट गयी ।।
बाँहो में लेकर तूने
जब चुम्मबन दिया मुझे
तेरे आलिंगन से मेरा
नस नस फिर से टूट गयी ।।
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