रक्षाबंधन में मेरे भाई तुम आना
अपनी बहन का मान बढ़ाना ।।
मैं राखी बाँधू तुम्हारी कलाई हो
अपनी बहन को न तुम फिर रुलाना।।
हर बार कहते हो आऊँगा बहना
राखी तुम्ही से बंधाऊँगा बहना
जब तुम आना राखी बाँधना
अपनी बहन को हमेशा हँसाना।।
पिछले बरस मै थाली सजाये
थाली में मैं दीपक जलाये
हाथो में मेरे थी राखी तुम्हारी
राह ताकती रही मैं आस लगायें
भाई मेरे मुझको फिर न रुलाना।।
ठीक है बहना अबकी जरूर आऊँगा
अपनी बहन से राखी बंधाऊँगा
मेरा फर्ज है रक्षा तुम्हारी
खुश रहना मेरी बहना हमेसा
तुम अपने भाई को याद दिलाना ।।
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