उन्हें देखने के खातिर।unhe dekhne ke khatir


उन्हें देखने के खातिर,

उनका पीछा कर रहे हैं।।

उन्हें नही हैं मालूम,एक झलक के खातिर

हम जी और मर रहे हैं।।

क्या चाहत उठी हैं दिल में,दीदार कर लूं तेरा

तू मेरी बन जाये,प्यार कर लूं थोड़ा

उनकी एक तसवीर के खातिर

दर-दर भटक रहे हैं।।

जब वो आती है चौबारे में ,समय नोट कर रहें हैं

कल फिर वो आयेगी चौबारे में,उनका इंतजार कर रहें हैं।।

जब वो सजसवर कर निकली

एक तसवीर बन गयी

मेरे आँखों के आईने की जागीर बन गयी

फिर ऐसी झलक के खातिर, रब से दुवा कर रहें हैं।।

एक दिन वो भी आया,जब उनसे बात मेरी हो गयी

मैं होश ऐसे खोया, न जाने रात कब हो गयी

फिर एक मुस्कान के खातिर, हम बात कर रहे हैं।।


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